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मस्जिद विवाद को लेकर प्रदर्शन, अर्ध पिंडदान किय, श्राद्ध पर इसे प्रतीकात्मक रूप से सनातन विरोधियों की अर्ध मुक्ति करार दिया

संजौली अवैध मस्जिद विवाद पर फिर भड़का हिंदू संगठनों का आंदोलन
सरकार और वक्फ बोर्ड के खिलाफ नारेबाजी, अर्ध पिंडदान कर जताया विरोध
जिला प्रशासन ने केवल 11 लोगों को प्रदर्शन की अनुमति दी


शिमला के संजौली क्षेत्र में अवैध मस्जिद विवाद एक बार फिर तूल पकड़ गया है। हिंदू संगठनों ने आज मस्जिद के बाहर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया और सरकार, वक्फ बोर्ड तथा सनातन विरोधियों के खिलाफ नारेबाजी की। खास बात यह रही कि प्रदर्शनकारियों ने मस्जिद विवाद को लेकर अर्ध पिंडदान किया और श्राद्ध के अवसर पर इसे प्रतीकात्मक रूप से सनातन विरोधियों की अर्ध मुक्ति करार दिया।

दरअसल, आज का दिन इस विवाद के लिए खास था क्योंकि ठीक एक साल पहले यानी 11 सितंबर 2024 को संजौली मस्जिद के खिलाफ बड़ा आंदोलन हुआ था। उस समय पुलिस द्वारा लाठीचार्ज भी किया गया था। उसी घटना की याद में इस बार भी विरोध दर्ज कराया गया।

देव भूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन पिछले अनुभव से डर गया, इसलिए इस बार डिजास्टर एक्ट का हवाला देकर केवल 11 लोगों को प्रदर्शन की अनुमति दी गई। लेकिन, उन्होंने दावा किया कि “11 की शक्ति कई गुना होगी और हिंदुत्व का झंडा बुलंद रहेगा।”

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि नगर निगम कोर्ट ने मस्जिद को लेकर आदेश दिए थे, लेकिन वक्फ बोर्ड ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर कार्रवाई को रोका है। इसे सनातन विरोध बताया गया।

आज संजौली श्मशान घाट के आधे रास्ते पर प्रतीकात्मक अर्ध पिंडदान किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह पिंडदान सरकार के आधे कार्यकाल और आधी-अधूरी कार्रवाई के विरोध में है। उनका कहना है कि जब तक मस्जिद विवाद का निपटारा नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा।

इस छोटे लेकिन प्रतीकात्मक प्रदर्शन ने एक बार फिर संजौली मस्जिद विवाद को सुर्खियों में ला दिया है और आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गर्माने की आशंका है।